वैसे तो 18 फरवरी 1911 एक आम तारीख ही लगती है। आप दिमाग के घोड़े दौड़ा दें, फिर भी कुछ खास बात ध्यान नहीं आती। है ना? बहुत कम लोग जानते हैं कि इसी तारीख को एक नया इतिहास लिखा गया था। इसी दिन भारत की पहली व्यावसायिक फ्लाइट ने इलाहाबाद से उड़ान भरी थी एयर डाक के एक कंसाइनमेंट के साथ। तब से अब तक देश में सिविल एवियेशन बहुत आगे पंहुच चुका है। आज की तारीख में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन मार्केट है। 2016 में करीब 131 मिलियन हवाई यात्रियों ने भारत से सफ़र किया। फ़िलहाल भारत में करीब 22 एयरलाइन और 132 हवाई अड्डे हैं। इनमें सबसे बड़े और व्यस्त वो हैं जो तमाम सिटी सेंटर्स को जोड़ते हैं। आगे भारत के दस सबसे व्यस्त एयरपोर्टेस के बारे में पढ़िए
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा- (डीईएल)
देश की राजधानी में स्थित ये हवाई अड्डा देश का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट होने के साथ,दुनिया के कुछ सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है। 2017 में 63 मिलियन यात्रियों को अपनी सेवाएं देने के साथ ही इसने दुनिया के कुछ बड़े हवाई अड्डे जैसे चंगी एयरपोर्ट, जॉन एफ कैनेडी एयरपोर्ट और सिओल-इंच्यौन एयरपोर्ट को पीछे छोड़कर, सोलहवे सबसे व्यस्त एयरपोर्ट होने का खिताब हासिल किया। ये फ़िलहाल तीन रनवे के साथ काम करता है (जिनमें से एक इस देश की सबसे लंबी हवाई पट्टी है)। साथ ही यहाँ तीन टर्मिनल भी हैं (T1 C-D, T2, T3)। नए विस्तार प्लान के हिसाब से एक नया टर्मिनल और हवाई पट्टी का निर्माण भी किया जाएगा, साथ ही टी1- सी-डी की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। एयरपोर्ट एक्सप्रेस, दिल्ली मेट्रो की ऑरेंज लाइन, और राष्ट्रीय राजमार्ग 48 इसे केंद्रीय दिल्ली से जोड़ते हैं।
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छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा- ( बीओएम)
अंधेरी, विले पार्ले और सांताक्रूज़ इलाकों के हिस्सों में फैला मुंबई का छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण एयरपोर्ट है। 2017 में इसने 48 मिलियन से अधिक यात्रियों को अपनी सेवाएं दी। इसकी विश्वस्तरीय सुविधाओं का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2017 में एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी अवार्ड्स की 40 एमपीपीए (मिलियन पैसेंजर्स पर एनम) कैटेगरी में इसे दिल्ली हवाई अड्डे के साथ दुनिया के सबसे बेहतर हवाई अड्डे के तौर पर चुना गया। इसमें दो टर्मिनल्स (कम लागत वाली उड़ानों के लिए टी 1 और अंतरराष्ट्रीय और घरेलू परिचालनों के लिए टी 2) और दो क्रिस-क्रॉसिंग हवाई पट्टियां हैं। इसकी नई सेवाओं में से एक है जय हे जीवीके न्यू म्यूज़ि यम (टी 2) जिसमें 5000 से ज्यादा वस्तुएं भारत की संस्कृति और इतिहास की झलक दिखाती हैं।
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कैंपागॉड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा- (बीएलआर)
2008 में एचएएल एयरपोर्ट की जगह खोला गया बैंगलोर का केम्पेगोड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश का तीसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा बन चुका है। सिर्फ़ एक हवाई पट्टी और टर्मिनल के बावजूद भी यहां से 2017 में करीब 195000 से ज्यादा उड़ानें भरी गईं और 25 मिलियन यात्रियों को सेवाएं दी गईं। टर्मिनल के अंतरराष्ट्रीय एरिया में गेट नंबर 25-26 को दुनिया के सबसे बड़े विमान, एयरबस ए 380 के लिए खासतौर पर विक्सित किया गया है। हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है, और इसके विमान और यात्रियों की क्षमता को और बढ़ाने के लिए एक नया टर्मिनल और रनवे बनाया जा रहा है। नेशनल हाइवे 44 हवाई अड्डे को बेंगलुरू से जोड़ता है।
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चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा- (एमएए)
भारत के सबसे शुरुआती नागरिक हवाई अड्डों में से एक, चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया के लोगों के लिए देश का एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। दो टर्मिनल और दो हवाई पट्टियों के साथ यह वित्तीय वर्ष 2017 में 20 मिलियन से ज्यादा यात्रियों को अपनी सेवाएं दे चुका है। भारत के दूसरे हवाई अड्डों से अलग, यहां दो टर्मिनल एक-दूसरे के साथ में हैं और एक ईमारत जहाँ रेस्टॉरेन्ट्स और प्रशानिक ऑफिस हैं इन दोनों को जोड़ते हैं। लोग यहां तरह-तरह के व्यंजनों का लुत्फ़ उठाने के साथ-साथ शॉपिंग का मज़ा भी ले सकते हैं।
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा- (सीसीयू)
कोलकाता का नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इतिहास में अपना नाम दर्ज करा चुका है क्योंकि 1937 में अमेलिया ईरहार्ट की दुर्भाग्यपूर्ण उड़ान यहीं से गुज़री थी। यात्रियों और विमानों की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण 2005 से हवाई अड्डे का विस्तार शुरू किया गया। रनवे की लंबाई बढ़ाने के साथ ही यहां सीएटी III लैंडिंग प्रणाली के उपकरण भी लगाए गए। उम्मीद की जा रही है कि वित्तीय वर्ष 2017 में 20 मिलियन से कुछ ही कम यात्रियों को सेवाएं देने वाला ये एयरपोर्ट जल्द ही 26 मिलियन से अधिक को सेवाएं दे पाएगा। मौजूदा वक्त में यहां एयर इंडिया, बिमान बांग्लादेश, भूटान एयरलाइंज़ , अमीरात, एतिहाद एयरवेज़ , म्यांमार एयरवेज़ इंटरनेशनल, चाइना ईस्टर्न एयरलाइंज़ , कैथे ड्रैगन, सिल्क एयर, सिंगापुर एयरलाइंज़ , श्रीलंकाई एयरलाइंज़ और थाई एयरवेज़ जैसी अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइंस यहां अपनी सेवाएं दे रही हैं।
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राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा- (एचवाईडी)
जब बेगमपेट एयरपोर्ट यात्रियों की बढ़ती तादाद को संभालने में नाकामयाब रहा, तो 2008 में इस नए हवाई अड्डे की शुरूआत की गई। सिर्फ 9 सालों में इसने अपनी 12 मिलियन की अधिकतम पैसेंजर हैंडलिंग कैपेसिटी को पीछे छोड़ते हुए 2017 में करीब 18 मिलियन यात्रियों को अपनी सेवाएं दीं।
एयरपोर्ट विलेज इसकी एक खासियत है जो यहां से गुज़रने वाले यात्रियों के लिए एक सौगात से कम नहीं है।
यहां रुकने वाले यात्री आगमन एरिया के ठीक बाहर विलेज में अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिल सकते हैं। दूसरे हवाई अड्डों की तरह यहां भी विस्तार का काम होना है। यहां तीन चरणों में ये काम किया जाएगा। फेज़ I में इसकी क्षमता 18 मिलियन यात्रियों तक की जाएगी, फेज़ II में 20 मिलियन और फेज़ III में 40 मिलियन ।
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कोचिन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा- (सीओके)
1999 में खोला गया कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा केरल की पारंपरिक वास्तुकला का एक बेमिसाल नमूना है। फ़िलहाल इसमें दो घरेलू टर्मिनल और एक अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल है जो इसे दिल्ली के बाद भारत का दूसरा ऐसा हवाई अड्डा बनाता है जिसमें तीन टर्मिनल्स हैं। तीन टर्मिनल्स के चलते इसकी कुल क्षमता 21 मिलियन की है, जो मौजूदा यात्रियों की संख्या से बहुत ज़्यादा है। वित्त वर्ष 2017 में 10.5 मिलियन से भी कम यात्रियों ने इस हवाई अड्डे से उड़ान भरी। ये सौर ऊर्जा द्वारा पूरी तरह से संचालित होने वाला भारत का पहला हवाई अड्डा बन गया है! शारजाह, कुआलालंपुर, दुबई, जेद्दाह, दम्मम, बहरीन, मस्कट, दोहा, कुवैत, सिंगापुर, रियाद, बैंकॉक और कोलंबो जैसे विदेशी डेस्टिनेशन कोच्चि से सीधी तौर पर जुड़े हुए हैं।
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सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा- (एएमडी)
वैसे तो ये हवाई अड्डा 1937 से चल रहा है, फिर भी यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 1991 में शुरू हुईं। इसकी मौजूदा अधिकतम क्षमता 8.5 मिलियन लोगों की है, लेकिन साल 2017 में ये पहले ही 9 मिलियन से ज्यादा यात्रियों को संभाल चुका है। इसमें दो टर्मिनल हैं: घरेलू उड़ानों के लिए टी 1, और अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू यातायात के लिए टी 2। ये लगभग 500 मीटर लंबे ट्रैवेलेटर या स्वचालित रास्ते से जुड़े हुए हैं। ट्रांज़िट यात्री टर्मिनल 1 के आलीशान बीआईसीए लाउंज और टर्मिनल 2 के अंदर पोर्ट में आराम कर सकते हैं। लाउंज के अलावा, यहां कई ड्यूटी-फ्री दुकानें और रेस्तरां के साथ एक कैफ़ेटेरिया भी हैं।
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पुणे एयरपोर्ट- (पीएनक्यू)
वित्तीय वर्ष 2017 में 8 मिलियन से ज्यादा यात्रियों द्वारा इस्तेमाल किया गया पुणे एयरपोर्ट फ़िलहाल भारत का नौवां सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। रॉयल वायु सेना द्वारा एक एयर बेस के रूप में स्थापित इस एयरपोर्ट का एक हिस्सा अभी भी भारतीय वायुसेना के आधीन है। इसमें दो रनवे हैं, जिनमें केवल एक उड़ानों के लिए उपयोग किया जाता है; दूसरा सैन्य विमानों के लिए एक टैक्सीवे के रूप में उपयोग किया जाता है। नवीनीकरण योजना के तहत, इसमें बड़े विमानों के लिए हवाई पट्टी की लंबाई बढ़ाई जा रही है। साथ ही प्रशासनिक कार्यालयों को एक अलग इमारत में ले जाकर टर्मिनल के अंदर एक वीआईपी लाउंज और दूसरी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
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दाबोलिम एयरपोर्ट- (जीओआई)
समुद्र के किनारे बना गोवा का दाबोलिम हवाई अड्डा शायद देश का सबसे सुंदर एयरपोर्ट है। 1955 में पुर्तगालियों द्वारा बनाया गया यह एयरपोर्ट आंशिक रूप से एक नागरिक हवाई अड्डे के रूप में काम करता है और आंशिक रूप से भारतीय नौसेना के एयरबेस के रूप में। 2013 में खोला गया इसका टर्मिनल हर साल 7.6 मिलियन यात्रियों की अपनी सेवाएं देकर अपनी अधिकतम क्षमता पर काम कर रहा है। एफआई 2017 में यहा से 50000 से ज्यादा उड़ानें भरी गईं जिसमें अनुसूचित, चार्टर्ड और मौसमी फ्लाइट्स भी शामिल थे। मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग, मैनचेस्टर, कीव, बर्मिंघम और हेलसिंकी उन अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों में से हैं, जहां के लिए यहां से शेड्यूल्ड या मौसमी उड़ानें हैं।
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जैसा कि पहले भी हमने बताया, इन सभी हवाई अड्डों की क्षमता बढ़ने का काम चल रहा है, जिसने मुंबई के लिए नवी मुंबई हवाई अड्डे, या दिल्ली के लिए जेवर हवाई अड्डे और पुणे के लिए नई पुणे हवाई अड्डे जैसे नए हवाई अड्डों की मांग भी पैदा की है। हवाई यात्रा उद्योग में यह विकास निश्चित रूप से 100 मिलियन से अधिक पर्यटकों और व्यापार यात्रियों के जीवन को आसान बना देगा।